Desh Bhakti Shayari: आज़ादी के इस पावन दिन पर, देशभक्ति पर विचार करना और भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों की शहादत को याद करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए हम सब मिलकर उनके बलिदानों को सम्मानित करें और उनके निस्वार्थ कार्यों से प्रेरणा लें। इस दिन को देशभक्ति से भरी हिंदी कविताओं के साथ मनाएं और उन महान व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करें जिन्होंने हमारे लिए संघर्ष किया।
Desh Bhakti Shayari
कुछ नशा तिरंगे की शान का है,
कुछ नशा मातृभूमि के सम्मान का है।
हम हर जगह लहराएंगे ये तिरंगा,
ये नशा है हिन्दुस्तान की आन और मान का!
जब आँखें खुलें तो ये धरती हिंदुस्तान की हो,
जब आँखें बंद हों तो भी ये धरती हिंदुस्तान की हो।
हम अगर मर भी जाएं तो कोई अफसोस नहीं,
बस मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो!
हर पल मेरी आँखों में मातृभूमि का सपना हो,
जब भी मरूं, तिरंगा मेरा कफ़न हो।
जीवन में और कोई ख्वाहिश नहीं है,
बस यही दुआ है, हर बार जन्म लूँ तो भारत मेरा वतन हो!
चाहे जान की बाजी लगानी पड़े,
दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम।
तिरंगे की क़स्म है हम पर, वतन के लिए,
ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम!
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ,
शांति और उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ।
इसके लिए जान भी कुर्बान कर दूं,
बस मरने के बाद तिरंगा कफ़न चाहता हूँ!
तिरंगा है मेरी आन, तिरंगा है मेरी शान,
तिरंगा रहे हमेशा ऊँचा हमारा,
तिरंगे से है मेरी धरती की महानता!
15 August Desh Bhakti Shayari
गूंज रहा है दुनिया में भारत का नगारा,
चमक रहा आसमान में देश का सितारा।
आज़ादी के दिन हम सब मिलकर करें दुआ,
ताकि तिरंगा हमारा हमेशा बुलंदी पर लहराता रहे!
कभी न झुकने देना इसके मान को,
कभी न मिटने देना इसकी शान को।
चाहे जान भी कुर्बान करनी पड़े,
अपने सीने से इसको लगाए रखना,
यह तिरंगा हमेशा ऊँचा उठाए रखना!
आज़ादी की रोशनी को कभी कम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी को कभी बदनाम नहीं होने देंगे।
जब तक शरीर में एक बूंद भी लहू का बहता होगा,
भारत माता का आँचल कभी नीलाम नहीं होने देंगे!
हमें नशा है तिरंगे की आन का,
कुछ नशा है मातृभूमि की शान का।
हम हर जगह लहराएंगे ये तिरंगा,
ये नशा है भारत माँ की महानता का!
काश, मरने के बाद भी वतन के काम आ पाते,
शहीदों की दुनिया में अपना भी नाम लिखवाते।
हंसते-हंसते कुर्बान कर देते जान इस वतन पर,
कोई गम नहीं होता, अगर ऐसा मुकाम पा जाते!
दिल हमारे एक हैं, और एक है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है, और हम हैं इसकी शान।
वतन पर लुटा देंगे अपनी जान, हो जाएंगे कुर्बान,
इसीलिए तो गर्व से कहते हैं, ‘मेरा भारत महान’!
Army Desh Bhakti Shayari
सरहद की पुकार पर तुम्हें आना ही होगा,
अपने वतन का कर्ज चुकाना ही होगा।
कुर्बानी देकर अपने जिस्मो-जां की,
तुम्हें मिटना भी होगा और मिटाना भी होगा!
मुझे न तन चाहिए, न धन चाहिए,
बस अमन से भरा ये वतन चाहिए।
जब तक जिंदा रहूं, मातृभूमि के लिए जीऊं,
और जब मरूं, तो तिरंगा मेरा कफन चाहिए!
वतन की मोहब्बत में खुद को जलाए बैठे हैं,
मौत से बाजी लगाकर वतन पर मरने को तैयार बैठे हैं!
हवाओं को ये पैगाम सुनाते रहना,
चिरागों की रौशनी जलाते रहना।
जिस तिरंगे की हिफाजत शहीदों ने लहू देकर की,
उसे सदा अपने दिल में बसाते रहना!
जो हक मिले नहीं, वो छीने जाते हैं,
हम आज़ाद हैं, फिर भी गुलाम किए जाते हैं।
उन वीर सिपाहियों को हर पल नमन करो,
जो मौत के साए में भी जिए जाते हैं!
हर पल मेरी आँखों में देशप्रेम का सपना हो,
मृत्यु आए तो तिरंगा मेरा कफ़न हो।
ज़िंदगी में और कोई ख्वाहिश नहीं,
जब भी जन्म लूँ, भारत मेरा वतन हो!
Desh Bhakti Shayari in Hindi
हिमालय से ऊँचा रहे इसका सर, ये हमने दिल में ठाना है,
बसंती चोला रंग दो मेरा, हमको सरहद पर जाना है।
कोई न देखे इसे, ऐसे ही पहरेदारी हो,
दुश्मन की छाती पर फिर से तिरंगा लहराना है!
मेरे रगों का लहू जो तेरे काम आ जाए,
काश ऐसा कोई काम मैं कर जाता।
तेरी शान को बनाए रखने के लिए,
जंग के मैदान में फिर से उतर जाता!
सुना है कुछ नक्कार हमारी वीरता का सबूत मांगते हैं,
जरा भेजो उन्हें सरहद पर, जहां सिरफिरे खुद के लिए ताबूत मांगते हैं!
हम इसके पहरेदार हैं, इसके रखवाले हैं,
प्यारे वतन के लिए हम जान भी लुटाने वाले हैं।
इसकी हर बात हमें निराली लगती है,
सौ जिंदगियाँ कुर्बान हैं इस पर, हम ऐसे मतवाले हैं!
जान से प्यारा है हमारा वतन,
हम इसके सच्चे पहरेदार रहेंगे।
सौ जनम भी कुर्बान कर दें इसके लिए,
फिर भी इसके कर्जदार रहेंगे!
भारत माता की जय हम सब मिलकर कहते हैं,
देश के वीर जवानों को नमन करते हैं।
उन शहीदों की कुर्बानियों को सलाम करते हैं,
जो हमें अमन और चैन का जीवन देते हैं!
Desh Bhakti Shayari 2 Line
मैं इसका हनुमान हूँ, ये देश मेरा राम है,
सीना चीरकर देख लो, इसमें हिंदुस्तान है!
वो ज़िंदगी कैसी, जिसमें देशभक्ति ना हो,
और वो मौत कैसी, जो तिरंगे में ना लिपटी हो!
जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है!
दे सलामी इस तिरंगे को, जो तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका, जब तक दिल में जान है!
कतरा-कतरा मेरा लहू इस वतन के काम आएगा,
मेरे जाने के बाद भी तिरंगा हिमालय पर ऐसे मुस्कराएगा!
इस वतन के रखवाले हैं हम, शेर-ए-जिगर वाले हैं हम,
मौत से नहीं डरते, मौत को अपनी बाहों में पाले हैं हम!
Desh Bhakti Par Shayari
सींच दूँ खून से अगर इस चमन के काम आए,
काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए।
न जाने कौन सी घड़ी हो आखिरी हमारी,
ये तन, मन, धन फिर वतन के काम आए!
इश्क तो करता है हर कोई,
महबूब पर मरता है हर कोई,
कभी वतन को महबूब बना कर देखो,
तुझ पर मरेगा हर कोई!
हम फौलादी जिगर वाले हैं, वतन पर खुद को लुटा देंगे,
हमसे कभी न टकराना, हस्ती तुम्हारी हम मिटा देंगे!
ना सरकार मेरी है, ना रौब मेरा है,
ना बड़ा सा नाम मेरा है,
मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है,
मैं हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है!
Shayari Desh Bhakti
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाएंगे,
जहां जरूरत होगी, अपनी जान लुटाएंगे।
क्योंकि भारत हमारा प्यारा देश है,
इसे हम नहीं मिटने देंगे, दुश्मनों से बचाएंगे!
जो सीने में जलती है, वो बुझने वाली नहीं है,
आग दुश्मनों के लिए है, रुकने वाली नहीं है।
जान भी कुर्बान कर देंगे इस वतन के लिए,
शान वतन की अब झुकने वाली नहीं है!
वीरों के बलिदान को याद रखें,
उनके नक्शे कदम पर हम भी चले।
भारत माँ की सेवा में सदा रहें,
यही संदेश हर दिल में भरें!
आजादी की कभी शाम न होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम न होने देंगे।
जब तक लहू की एक बूँद भी रगों में रहे,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम न होने देंगे!
Dard Desh Bhakti Shayari
सौ जन्मों तक उनके अहसानों को भुला नहीं सकते,
हम सर कटा सकते हैं लेकिन झुका नहीं सकते।
खींच दी हैं लकीरें जो अपने जिगर के लहू से,
तुम लाख कोशिश कर लो, इसे मिटा नहीं सकते!
मिट्टी की सौंधी खुशबू में वतन की यादें बसती हैं,
दिल में देशभक्ति की आग सदा ही जलती है!
भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं।
जख्मों से भरा सीना है मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं।
भारत का वीर जवान हूँ मैं!
है जान जब तक मेरे सीने में हमारी,
वतन की शान को न मिटने देंगे।
हम वीर सपूत हैं, हम बलिदानी हैं,
अपने इस चमन को लहू से सीच देंगे!
Desh Bhakti Shayari 15 August
आज सलाम है उन वीरों को,
जिनके कारण ये दिन आता है।
वो माँ भी खुशनसीब होती है,
बलिदान जिसके बच्चों का,
देश के काम आता है!
जलते भी गए, कहते भी गए आज़ादी के परवाने,
जीना तो उसी का जीना है, जो वतन पे मरना जाने!
आज के दिन उस मंज़र को याद करें,
शहीदों की देशभक्ति को याद करें,
जब मिली थी आज़ादी हमको खून के बदले,
आओ उन देशप्रेमियों को याद करें!
सदा ही लहराता रहे ये तिरंगा हमारा,
सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा!
Shayari on Desh Bhakti
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरे हिस्से की धरती को मैं तन्हा छोड़ आया हूँ।
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ!
वतन है मेरा सबसे महान,
प्रेम और सौहार्द का दूसरा नाम,
तन-मन से पर है सब कुर्बान,
शांति का दूत है मेरा हिन्दुस्तान!
दाबोगे अगर, तो और उभर आयेगा भारत,
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत।
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफहमी हुई है,
दो-चार धमाकों से ही डर जायेगा भारत!
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी,
नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी,
हम हिंदुस्तानी!
Emotional Attitude Desh Bhakti Shayari in Hindi
आन देश की, शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी यही पहचान है!
ना दौलत, ना शोहरत, कोई शिकवा नहीं,
बस भारत माँ की संतान बना देना,
हो जाऊं शहीद तो बस तिरंगे में लिपटाना मुझे!
देशभक्तों से ही देश की शान है,
देशभक्तों से ही देश का मान है,
हम उस देश के फूल हैं यारों,
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है!
झुकने न देंगे तेरे स्वाभिमान को,
चाहे दांव पर लगानी पड़े जान को,
हम मिट गए तो कुछ ग़म नहीं,
मिटने न देंगे तेरी पहचान को!
Desh Bhakti Shayari’s Attitude
मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए,
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए,
हमसे हमारी अब हसरत न पूछो,
बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए!
मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प जो सच्चे दिल से लिया है!
ये जोश कभी कम नहीं होगा, वीरों के बलिदानों से आया है,
कितनों ने लहू बहाया है, तब जाकर तिरंगा पाया है!
जो फूल था कभी, अब अंगारा हो गया,
ये दुश्मन, तेरे खातिर, गर्म लहू हमारा हो गया है!
Desh Bhakti Shayari 26 January
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का, मस्तानों का,
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना!
कोई और आरज़ू नहीं, है आरज़ू तो बस ये है,
रख दे कोई जरा सी खाक-ए-वतन कफ़न में!
बड़े शौक से सुन रहा था जमाना,
हम ही सो गए दास्तां कहते-कहते।
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाएंगे,
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटाएंगे।
चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ)
क्या 2025 में नई Desh Bhakti Shayari का संग्रह उपलब्ध है?
हाँ, 2025 में नई और प्रभावशाली Desh Bhakti Shayari का संग्रह विभिन्न वेबसाइटों और शायरी संग्रहों में उपलब्ध है। यह शायरी नए विचारों और भावनाओं से भरपूर होती है।
Desh Bhakti Shayari का उपयोग कहाँ किया जा सकता है?
Desh Bhakti Shayari का उपयोग स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, शहीद दिवस, या किसी अन्य देशभक्ति संबंधित कार्यक्रमों में किया जा सकता है। इसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया जा सकता है।
Desh Bhakti Shayari को अपनी ज़िंदगी में कैसे शामिल करें?
आप Desh Bhakti Shayari को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं, जैसे हर सुबह अपने देशप्रेम को याद करते हुए कुछ प्रेरणादायक शायरी पढ़ना।
क्या Desh Bhakti Shayari में कविता भी शामिल होती है?
हाँ, Desh Bhakti Shayari में बहुत सी कविताएं भी शामिल होती हैं जो भारत की वीरता और महानता को व्यक्त करती हैं। ये कविताएं दिल को छूने वाली होती हैं।
Desh Bhakti Shayari लिखने का तरीका क्या है?
Desh Bhakti Shayari लिखने के लिए आपको अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना होता है। इसमें देश के प्रति सम्मान, प्यार और कर्तव्यों को प्रमुख रूप से व्यक्त किया जाता है।
क्या यह शायरी बच्चों और युवा पीढ़ी के लिए उपयुक्त है?
हाँ, Desh Bhakti Shayari बच्चों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होती है। यह उन्हें अपने देश के प्रति सम्मान और प्रेम सिखाती है।
Desh Bhakti Shayari के माध्यम से समाज में कैसे जागरूकता फैलाई जा सकती है?
Desh Bhakti Shayari के माध्यम से लोग अपने देश के प्रति कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझ सकते हैं। इसे शिक्षा, जागरूकता और प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
2025 में सबसे बेहतरीन Desh Bhakti Shayari कहां से प्राप्त करें?
2025 में बेहतरीन Desh Bhakti Shayari को आप विभिन्न वेबसाइटों, शायरी ऐप्स, और सोशल मीडिया पर खोज सकते हैं। इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर कई नई और बेहतरीन शायरी उपलब्ध होती है।
निष्कर्ष
संग्रह हमें अपनी मातृभूमि के प्रति गहरे सम्मान और सच्चे प्रेम को समझने का अवसर प्रदान करता है। इन शायरियों के माध्यम से हम अपने वीर शहीदों की शहादत, देश के प्रति गर्व और राष्ट्रीय एकता का महत्व महसूस करते हैं। यह शायरी हमें प्रेरित करती है कि हम अपने कर्तव्यों को निभाने में कोई कसर न छोड़ें और भारत की अखंडता और विकास के लिए हमेशा तत्पर रहें। 2025 में, इस तरह की शायरियाँ न केवल हमें आत्मनिर्भर बनने का संदेश देती हैं, बल्कि हमारे अंदर देशप्रेम और राष्ट्रभक्ति की भावना को और अधिक मजबूत करती हैं।